गरज उठे गगन सारा, समुद्र छोड़ें अपना किनारा, होती मुरादे पूरी सभी की आज तक मायूस न है कोइ लौटा, होकर सिंह पर सवार मेरी माता रानी आ गयी। नवरात्रि के इस अद्भुत त्योहार में हो सभी का दिल खुशियों से भरा। खुशियों में जीता हूँ और कोई गम नहीं https://sites.google.com/view/navratrishayari/