सहस कमल में हो रहे धारी। कीन्ह परीक्षा तबहिं पुरारी॥ प्रगट उदधि मंथन में ज्वाला । जरे सुरासुर भये विहाला ॥ भूत पिसाच निकट नहिं आवै। महाबीर जब नाम सुनावै।। अर्थ- हे नीलकंठ आपकी पूजा करके ही भगवान श्री रामचंद्र लंका को जीत कर उसे विभीषण को सौंपने में कामयाब https://rafaelqcvex.atualblog.com/35847043/shiv-chalisa-lyrics-in-english-with-meaning-an-overview